परिवर्तन के साथ तालमेल बिठाना: परिवर्तन के प्रतिरोध का सामना करना


ओवरव्यू/विवरण
लक्षित दर्शक
अपेक्षित अवधि
अध्याय उद्देश्य
पाठ्यक्रम संख्या


ओवरव्यू/विवरण
किसी भी संगठन में परिवर्तन होना अनिवार्य है, लेकिन उसे अपनाने की प्रक्रिया मुश्किल हो सकती है। संगठनात्मक परिवर्तन से चिंता और उथल-पुथल की स्थिति पैदा हो सकती है और जब ऐसा होता है तो कर्मचारियों द्वारा प्रतिरोध किया जाना कोई आश्चर्य की बात नहीं होती। विभिन्न लोगों अलग-अलग तरीकों से प्रतिरोध कर सकते हैं और अक्सर इनसे कोई लाभ नहीं मिलता। हो सकता है मैनेजर परिवर्तन को लेकर उपजे प्रतिरोध के लक्षणों से निपटने के बजाय सीधे संबंधित व्यवहार से निपटने की सोचें, लेकिन मैनेजर को लक्षणों के मूल कारण से निपटना चाहिए। उन्हें सबसे पहले परिवर्तन से जुड़ी भावनाओं और विचारों को समझना चाहिए, कर्मचारियों द्वारा किए जाने वाले प्रतिरोध के कारणों का पता लगाना चाहिए और फिर उनके मूल कारणों से निपटने के लिए विभिन्न टेक्नीक्स का प्रयोग करना चाहिए। मूल कारणों से निपटने पर परिवर्तन को लेकर होने वाला प्रतिरोध कम होने लगता है। यह पाठ्यक्रम के प्रतिरोध से निपटने के इन्हीं पहलुओं पर विचार करता है। यह परिवर्तन को लेकर होने वाले प्रतिरोध के सक्रिय और निष्क्रिय लक्षणों की छानबीन करता है, इन लक्षणों के भावनात्मक और विचार-आधारित कारकों का गहराई से पता लगाता है और कर्मचारियों से सीधे बात कर मूल कारणों से निपटने की कार्यनीतियां प्रदान करता है।

लक्षित दर्शक
कोई मैनेजर या लीडर, जो संगठनात्मक परिवर्तन के साथ तालमेल बिठाने या उसका नेतृत्व करने में रुचि रखता है या आगे चलकर जिसे ऐसा करने की आवश्यकता हो

अपेक्षित अवधि (hours)
1.0

अध्याय उद्देश्य

परिवर्तन के साथ तालमेल बिठाना: परिवर्तन के प्रतिरोध का सामना करना

  • प्रतिरोधात्मक व्यवहार का वर्गीकरण
  • व्यवहार में प्रदर्शित प्रतिरोध के निहित कारणों की पहचान करना
  • दिए गए परिदृश्य में प्रतिरोध से निपटने के लिए खुले संवाद, कर्मचारी संलग्नता, और चेंज एजेंट्स का सहारा लें
  • पाठ्यक्रम संख्या:
    mgmt_13_a03_bs_hi